
दरबार तो एक ही है सवाल सरकार का है
दरबार तो एक ही है सवाल सरकार का है, खाटू नरेश का है नीले पे सवार का है, क्यों भटके

दरबार तो एक ही है सवाल सरकार का है, खाटू नरेश का है नीले पे सवार का है, क्यों भटके

तेरे चरणों में सर को, झुकाता रहू तू बुलाता रहे और मैं, आता रहू मैंने बचपन से तुझको ही जाना

घडी घडी मने थी ओल्यू सातवे, ओल्यू सतावे मासु रहा नहीं जावे, घडी घडी मने थी ओल्यू सातवे, भगता ने

बरसाए श्याम खुशियो की जड़ी, जब जब घूमे बाबा थारी मोरछड़ी, करती है भगतो पे मेहर बड़ी जब जब घूमे

आया हु दर पे तेरे मेरे खाटू वाले श्याम जपता रहू मैं नाम ये अब तो आठो याम आया हु

मैं बड़ी दूर से आई मैं हरयाणे से आई, मैं खाली हाथ न जाऊगी, मेरी खुला लोटरी बाबा दर पे

इतनी विनती है तुमसे कन्हियाँ, अपनी सेवा में मुझको लगाना, साथ तेरा कभी मैं न छोड़ू, छोड़ दे चाहे मुझको

खाटू के श्री श्याम प्रभु मेरी पहचान है, सांस में एहसास मेरा और मेरा अभिमान है, मेरे पिता वो है

अँखियों में नमीं सी हो, दिल बेठा हो हार के जब कुछ ना नज़र आये, मुझे तू हीं नज़र आये

दरबार सदा अलबेला है खुशियों की मंगल वेला है, श्याम तेरे भक्तो का दिल बोले इलू इलू, हैप्पी बर्थडे टू