
सुन कर करूँ पुकार ये सो नहीं सकता
सुन कर करूँ पुकार ये सो नहीं सकता, भगत भुलाये ये न आये हो नहीं सकता, सुन कर करूँ पुकार

सुन कर करूँ पुकार ये सो नहीं सकता, भगत भुलाये ये न आये हो नहीं सकता, सुन कर करूँ पुकार

बालक हु मैं तेरा श्याम मुझको निभाये ले दुखड़े को मारयो मने काजले लगाये ले, पथ दिख ला दे बाबा

फागुन की ग्यारस जब आ जाती है तो सँवारे की याद सताती, खाटू की गाडी जब छूट जाती है तो

बाह मेरी भी पकड़ इक बार संवारे मुझे तेरी बड़ी है दरकार संवारे मेरी नैया है बीच मजधार संवारे ,

अब तो बुला दरबार संवारे, मैं कर ना सकू का इन्तजार संवारे अब तो बुला दरबार संवारे, तुम से मैंने

ओ सँवारे तेरा खाटू न छूटे रे, परवाह नहीं है चाहे जग सारा रूठे रे, ओ सँवारे तेरा खाटू न

श्याम मेरे आ जाओ और न तरसाओ बहुत इंतज़ार किया, ओ बाबा अब तो दया करो ओ बाबा अब तो

होली खेल बाबा श्याम आपा चाला खाटू धाम होली खेल रे…… लाल अभीर गुलाल उड़त है केशर ओर किस्तुरी रे

मेरे सांवरिया सरकार म्हाने है थारी दरकार तेरे नाम को ध्याया तूने पार लगाया कर दिया बड़ा पार लखदातार ओ

बाबा के मंदिर को सोने का बनाना है सेवा मे करो करो अर्पण जो कुछ भी चढ़ना है बाबा के