
क्यों मुझसे न कुछ बोले
क्यों मुझसे न कुछ बोले ,बस बैठा मुस्काये, सब जानते बुजी तेरी तू न बाबा तरस खाये, क्यों मुझसे न

क्यों मुझसे न कुछ बोले ,बस बैठा मुस्काये, सब जानते बुजी तेरी तू न बाबा तरस खाये, क्यों मुझसे न

श्याम तुम ही बताओ ना ये कैसा अपना नाता है मेरे सुख में मेरे दुःख में तू ही तो काम

आता रहा है संवारा आता ही रहे गा, दीनो की लाज श्याम बचाता ही रहे गा, गिरते हुए को और

यो तो दूर सै दिखै रे खाटूवाले को निशान, म्हारे बाबा को निशान … खाटूवाले सांवरे की या ही है

बाबा मुझे सपनो में खाटू में भुला लेना, देखे गी न झूठी दुनिया सीने से लगा लेना, बाबा मुझे सपनो

श्याम पधारे हैं हमारे घर श्याम पधारे हैं ख़ुशी जहाँ की मिली आज तो जागे भाग हमारे है श्याम पधारे

ल्यो हाथा लगाम श्याम थे नीले चढ़ के आओ जी, भगता रो मान बढ़ाओ जी, ल्यो हाथा लगाम दरबार सजाया

दे मोरछड़ी का झाड़ा,दे मोरछड़ी का झाड़ा, आये श्याम तेरे दरबार देदो मोरछड़ी का झाड़ा, मैं खाटू नगरी आया मेरी

फागण का चढ़ा रंग जिसमे दुनिया रंगी है भक्तों के संग झूम रहे श्याम धणी हैं लगते है बड़े प्यारे

मेरी बात पे साँवरिया तेन्ने करी ना जरा गोर नही, भगत बिना सुन सांवरिया ताने पूजन न कोई और नही,