श्याम तेरा ये अहसान है
श्याम तेरा ये अहसान है, मेरी जग में जो पहचान है, इस तन में जो सांसे बसी तेरे चरणों का
श्याम तेरा ये अहसान है, मेरी जग में जो पहचान है, इस तन में जो सांसे बसी तेरे चरणों का
श्याम से करते हो जब प्यार उनके काम से क्यों इनकार, झोली भर भर लाते हो देने में सकू चाते
मेरे खाटू वाले बाबा का लो आज जन्मदिन आया है, ढप ढोल नगाड़े बाज रहे घर घर में आनंद छाया
बेठियो बनडो सो सझ धज कर माहरो श्याम, भगता रे मन रे भायो म्हारा खाटू वाला श्याम, सब का दुखड़ा
मिलने को जब जब भी जी ललचाता है, प्रेम तुम्हारा हमको खाटू खींच लाता है, खाटू के गांव की वो
नीले की असवारी करता खाटू वाला श्याम मेरा केवल शीश की पूजा होती, खाटू में है धाम तेरा अरेरेरे मेरे
आया आया फागण आया, खाटू में हमे श्याम ने भुलाया, होली श्याम जी के संग में खेला जी फागण में,
म्हारे हिवडे में बस ग्यो बाबो श्याम, ले चालो मने श्याम कें ले चालो मने श्याम के, ले चालो मने
हारे के तुम साथी कहलाते बाबा श्याम खाटू में जाकर देखो बनते बिगड़े हर काम हारे हुओं को बाबा देते
बड़ी दूर से चल कर के मैं खाटू नगरी आया, तरह तरह का देसी खाना तेरी खातिर लाया, सुन के