मैं श्याम दीवाना हो गया
मैं श्याम दीवाना हो गया और क्या चाहिए क्या चाहिए, मेरा बाबा बड़ा कमाल इसने कर दिया मालामाल अब मैं
मैं श्याम दीवाना हो गया और क्या चाहिए क्या चाहिए, मेरा बाबा बड़ा कमाल इसने कर दिया मालामाल अब मैं
जबसे शरण संवारे तेरी आया, बाबा हर कदम पे तेरा साथ मैंने पाया, सपना जो देखा वो सच हो गया
तेरे दवार पे खाटू वाले खुलते किस्मत के ताले, यहाँ जो भी आये सवाली वो हुए नसीबो वाले, तू पल
खाटू के इस रंग महल में बेठा श्याम हमारा, बाबा श्याम हमारा, एक वार जो खाटू आये बन ता श्याम
श्याम तेरी रेहमत के सहारे चलता है घर बार मेरा, तेरे कारण पल पल हस्ता सांवरियां परिवार मेरा, अब ना
सुनले अर्ज मेरी खाटू वाले श्याम, अर्ज मैं लिख रा सा सारा हाल तमाम, ले सुनले अर्ज मेरी….. पांच सात
एक रात में दो दो चांद खिले, मेरे श्याम धणी से नैन लडे, अब बैरी जमाना कुछ भी कहे, नैना
हे श्याम तेरे चरणों मे, हम सर को झुकाते हैं, तेरी दया से बाबा, हम तो खुशी मनाते हैं, तु
कीर्तन का शोंक चढ़ा था बाबा आदत हो गई, तेरे चरणों में सावरिया सिल्वर जुबली हो गई, सुरवात याद जब
क्यों चुप बैठे हो लगता है माजरा, कुछ तुम बोलो कुछ हम बोले ओ संवारा, है तेरे नाम की मस्ती