सांवली सूरत पे मोहन दिल दीवाना हो गया
सांवली सूरत पे मोहन, दिल दीवाना हो गया । दिल दीवाना हो गया, दिल दीवाना हो गया ॥ एक तो
सांवली सूरत पे मोहन, दिल दीवाना हो गया । दिल दीवाना हो गया, दिल दीवाना हो गया ॥ एक तो
बाबा की किरपा जिसपे हो जाये, मौज उड़ाये मौज उड़ाये, ले ले तू नाम ले ले बाबा का नाम ले
बिन पैसे के दुनिया में कोई पूछे जात नही अरे बिन पैसे के दुनिया में आज बनती बात नही, क्यों
करदो न इक बार ऐसी किरपा सरकार, सब छोड़ के जीवन में श्याम बस तेरा सुमिरन हो, दरबार में सांवरियां
किने सुनाऊं मन की बाता कोई ना श्याम हमारो है तू भी रूसो बैठो बाबा आखड़ली भरायो है किने……… जग
ग्यारह महीने बीत गए अब कार्तिक आया है ओ श्याम का जन्मदिन आया है कोई लाया खीर प्रशाद चूरमा कोई
चर्चे तुम्हारी दातारी के ऐसे सदा मौज में हैं प्रभु मेरे जैसे मुझको मला अगर उन्हें ना मिलेगा प्रभु सोच
कितना प्यारा धाम तुम्हारा कितना प्यारा श्याम हमारा कितना सुंदर नजारा किस मत से मिला है हम को ये द्वारा
आज घर जाएगी खाली सब झोलियाँ, मस्ती में नाच रही भक्तो की टोलियाँ, बड़ा सोहना सजा दरबार है भक्तो नाचे
करो दो मुझ पे कृपा श्याम बाबा रख दो सिर पे कृपा का हाथ, करो दो मुझ पे कृपा श्याम