हार को मेरी जीत बनाकर
हार को मेरी बाबाजीत बनाकर गले से लगा लो मुझको अपना बनाकर हार को मेरी बाबा जीत बनाकर गले से
हार को मेरी बाबाजीत बनाकर गले से लगा लो मुझको अपना बनाकर हार को मेरी बाबा जीत बनाकर गले से
पैदल मैं आया हूँ तेरे लेके निशान, खाटु वाले श्याम धणी जी, खाटु वाले श्याम प्रभु जी, रखियो मेरा मान,
ये ग्यारस बिन तेरे दर्शन क्यों बाबा बीत जाती है क्यों बाबा बीत जाती है, मुझे दिन रात खाटू की
फागुन का आया मेला दिलदार साँवरे, इस बार भी बुलाना मेरे यार संवारे, रंग और गुलाल श्याम को हम सब
मेरी कब सुने गा ओ खाटू वाले, मेरी ज़िंदगी है तेरे हवाले, सुनाओ क्या तुझको तू सब जानता है, मेरी
मिला के श्याम से नजरे तू दिल की बतला दे, लगा कर दरबार बैठा है तेरे हालत दिखला दे, सुनाई
सांस टूटे तू न रूठे बस यही विनती करे, दर तेरा छूटे ना बाबा और चाहत क्या करे, प्यार के
चरणों से हमको लगा लो, हम गिर रहे संभालो, हम तुम्हारे है तुम हमारे हो, बुरे कर्मो से हम को
नजारा वो खाटू का यहाँ बैठा, बाबा श्याम मेरा है खुशियां बांट रहा, चलो चले खाटू चले सुनो जी, चलो
जब से खाटू में जाने की शुरवात की, मुझे चिंता नहीं है किसी बात की, हर घड़ी साथ रहता है