पत्ता पत्ता श्याम बोलता
बाबा तेरे खाटू में यहाँ प्रेमी के तू भाग खोलता, पता पता श्याम बोलता हारो बेसहरो को तू खाटू में
बाबा तेरे खाटू में यहाँ प्रेमी के तू भाग खोलता, पता पता श्याम बोलता हारो बेसहरो को तू खाटू में
आया फागुन मेला बड़ा हीअलबेला, चलो रे भाया चलो खाटू नगरियाँ, चलो रे भाया चलो खाटू नगरियाँ श्याम की नगरियां,
हारो के सहारे बाबा हारे हम जिताओ हमे हम है अधम तुम ज्ञानी भुधि मान हो , तेरी वीरता ही
श्यामा तेरी नगरी मुझे जन्नत से प्यारी है, देदो जगह चरणों में छोड़ दी दुनिया दारी है, रेहना तेरे दर
खाटू में बैठा देखो जी हारो का ठेकेदार ठेकेदार का नाम है प्यारा श्याम धनि सरकार श्याम धनि के दर
बेसहारा श्याम सहारो चाहिए, अरे बाबा थारी किरपा को इशारो चाहिए, ये ही बाबा श्याम हमारा ये ही तो घनश्याम
लाड लडाऊ तने मनाऊ घनी करू मनवार, तू एक बार गोदी आजा, श्याम मेरी गोदी आजा देख देख तने माँ
मुझे दुनिया की अब परवाह नही, मैंने श्याम को दिल में वसा लिया, झूठे रिश्तो की चाहत नही, मैंने श्याम
नैन खोल के निहार,काहे, बेक़रार हे देख तेरा सामने , श्याम दरबार हे नैन खोल के निहार….. अजब निराला रंग,श्याम
थारी किरपा से बाबा द्वार थारे आउ, जेयू मैं जब तक संवारा गुणगान थारा गाऊ, थारी किरपा से बाबा द्वार