आँख्या को काजल थारो
आँख्या को काजल थारो, होठां की लाली जी, तो अईया की लटक न पेल्या देखि भाली जी आँख्या को काजल
आँख्या को काजल थारो, होठां की लाली जी, तो अईया की लटक न पेल्या देखि भाली जी आँख्या को काजल
दर बदर ठोकरे खा के दर जो तेरे आते है, सिर पे खुशीओ का बाँध सेहरा घर को जाते है,
बाबा थारी याद्रली सतावे है, थाने न देखू तो मन घबरावे है, एक बार महरे श्याम बार बार महरे श्याम
ओ मेरा बाबा लखदातारी.. करे लीले की सवारी.. जय श्री श्याम रे… हो जय श्री श्याम रे… तू तो तीन
मेरे श्याम की शरण में जो सवाली बनके आया, जिसने भी सिर झुकाया उसको गले लगाया, उपकार इतना मुझपर मेरे
मिली सांवरियां से जो नजरे आये फिर कुछ नजर, देख लिया मैंने सारा जमाना उस जैसा दिलबर ही नहीं, मेरे
खाटू वाले श्याम के जय कारे जो भी लाएगा, उसकी तो किस्मत का ताला खुल जाएगा, जय कारे जो बोले
श्याम का दीवाना मैं हूँ श्याम का दीवाना मैं हूँ श्याम का दीवाना सारा ज़मान ओ श्याम का दीवना जीना
भीगी पलके भीगा मन है घर जाना है, हो ग्यारस भी गई बारस बी गई घर जाना है, खाटू से
खाटू वाले श्याम ये कैसी माया है, या लीला धरी ने खेल रचाया है, पुत्र हो या पौत्र भीम के