
शीश का दानी है तू
शीश का दानी है तू है महादानी तू, मांगने आ गई मैं तेरे दवार पर, सिर्फ हारे का एक सहारा

शीश का दानी है तू है महादानी तू, मांगने आ गई मैं तेरे दवार पर, सिर्फ हारे का एक सहारा

भीगी पलकों ने श्याम पुकारा है, कहा हो बाबा श्याम ओ मुझे तेरा सहारा है, भीगी पलकों ने श्याम पुकारा

ऐसी घुमाई मोरछड़ी मेरे सांवरिया दिन बदले, बल्ले बल्ले बल्ले, इतना खजाना बरसाया भर देती झोली और गल्ले, बल्ले बल्ले

केसरिया पगड़ी सर पर नारंगी फेंटो जी,नारंगी फेंटो जी हाथा में मोरछड़ी ले,संकट थे मेटो जी संकट थे मेटो जी

मेरे श्याम मेरे इस दिल ने, रात को श्याम सुबह को श्याम कहा, इतना बेताब कर दिया तुमने मेने ये

तुझे अपना जान के बाबा मैं तेरे दर पर आऊं गर तुम ना साथ दिए तो फिर और कहाँ मैं

खाटू वाले श्याम बाबा तेरे लिए आई रे तेरे लिए आई रे अकेले चली आई रे खाटू वाले श्याम बाबा……………..

मोहन से अपने दिल की हर बात कीजिये, इक बार खाटू आके मुलाक़ात कीजिये, मोहन से अपने दिल की हर

आयो रे आयो रे आयो बाबो को सन्देश, चालो रे चालो रे श्याम धणी को देश, आयो फागुन को मेलो

देता हर दम सांवरे तू हारे का साथ मैं भी जग से हार के आया थाम ले मेरा हाथ देता