तेरे दर का कान्हा अजब है नजारा
( तर्ज – अजी रुठ कर अब …. ) तेरे दर का कान्हा, अजब है नजारा, जो आया शरण मे,
( तर्ज – अजी रुठ कर अब …. ) तेरे दर का कान्हा, अजब है नजारा, जो आया शरण मे,
हम तो आये लौट घरों में वहां कैसा होगा श्याम, अपने मंदिर में वो कितना तनहा होगा श्याम, हम तो
खाटू वाले श्याम धनी तेरा चर्चा हो गया से, यो बनिये का छोरा बाबा तेरा हो गया से, खाटू वाले
बार बार मिल के बतलावा म्हारे मनडे री या बात थारे रे का चिंता काई जग थारो सिरपे हाथ जन्मो
हारे का सहारा है , बाबा श्याम हमारा है हारे के सहारे ने , दिया सदा सहारा है हारे का
जिसका कोई नही उसका तो श्याम है यारो पल में सुन लेते एसी है सरकार यारो जब कोई प्रेमी अन्दर
ऐ कन्हैया ऐ कन्हैया तू ही खाटू वाला नंदलाला जन्म से तेरे धन्य हुए हम इस आनंद में मग्न हुए
आओ भगतो चले सँवारे के द्वार, लेके फूल माला और हार संवारिये का शृंगार करे गे, ग्यारस आई सजा श्याम
एह श्याम तेरे दीवानो को और क्या चाहिए, हम जब भी तुझे पुकारे इक झलक चाहिए, दरस चाहिए मिले गा
दो प्रेमी जब श्याम के मिलते प्रेम को और बड़ाते है, दोनों के दिल में है संवारा दिल से दिल