
दो प्रेमी जब श्याम के
दो प्रेमी जब श्याम के मिलते प्रेम को और बड़ाते है, दोनों के दिल में है संवारा दिल से दिल

दो प्रेमी जब श्याम के मिलते प्रेम को और बड़ाते है, दोनों के दिल में है संवारा दिल से दिल

श्याम का भरोसा जिसे नहीं घबराता है, हारे का सहारा श्याम लाज बचाता है, श्याम का भरोसा जिसे नहीं घबराता

धन बरसाता है ये माल लुटाता है, जब भी मेरी बारी आए पास बुलाता है, भजन जो भी इसके गाए,

म्हापे जद भी मुसीबत कोई आवन लागे म्हारे सिर के ऊपर मोरछड़ी लेहरावन लागे जब जब गाडी खावै झटका मोरछड़ी

आसु लाया प्रेमी बाबा क्या दोगे मोल, क्या दोगे मोल हार के आया मांगू झोली तो खोल, आसु लाया प्रेमी

मेरे श्याम की चौकठ पे जो भी झुक जाता है, जो हार के आता है संवारा उसे जिताता है, उस

दिल संवारे सलोने तुझपे वार दिया है , प्यार किया है बहुत प्यार किया है, नजरे मिली और दिल खो

क्या क्या कमाया हमने आओ हिसाब कर ले, दुनिया की बात छोड़े अपनी किताब पढ़ ले, कितनो का दिल दुखाया

चालो चालो खाटू धाम यहाँ विराजे बाबा श्याम. बनता बिगड़ा हुआ सब काम चालो खाटू जी, ऊंचे निचे रेत के

दरबार खाटू वाले का बड़ा प्यारे लागे रे, बड़ा प्यारा लागे रे बड़ा सोहना लागे रे, दरबार खाटू वाले का