खाटू जाना से
जब फागण महीना आवे भगता पे मस्ती छावे, जद याद श्याम की आवे तो संजो खाटू जाना से, फागण की
जब फागण महीना आवे भगता पे मस्ती छावे, जद याद श्याम की आवे तो संजो खाटू जाना से, फागण की
श्याम बाबा श्याम मेरा पीहर खाटु धाम श्याम बाबा श्याम मेरा पीहर खाटु धाम पाया है हर रिश्ता,मैंने तो तेरे
रोज सारे गम हमारे दूर करता कौन है, श्याम तुम्ही हो बस तुम्ही हो और दूजा कौन है रोज सारे
खाटू जी की टिकट कटाऊ तेरे संग दर्शन को जाऊ साजन लेहंगा तो सिल्वा दे तेरे सारे नाज उठाऊ तेरा
थारो म्हारो साँवरा कोई बहुत पुराणों सीर, जद जद खाटू आवा लागे आग्या म्हे तो पीर, म्हारो इतनो लाड करे
हाथो में लेकर निशान बाबा हम तो खाटू धाम दर तेरे आयेगे, फागुन मेले में धूम मचाएगे, हाथो में लेकर
श्याम शीश मेरा तेरे कदम, झुका लू ज़रा सा पा जाओ दम, श्याम शीश मेरा तेरे कदम ज़माने का मारा
सूनी है गोद मेरी भरदे साँवरिया, नंगे पांव आउंगी मैं खाटू नगरिया, नंगे पांव आउंगी मैं सारी उमरिया, पुत्र दो
श्याम तेरी एसी खटक लागी छोड़ घर खाटू में आगी, मन मर्जी से उठिया करती, चार टाइम मैं खाया करती
दीवाने आये श्यामा के, निशान हाथ में लेकर दर पे आये श्यामा के, दीवाने आये श्यामा के खाटू की पवन