ऐसा कोई काम मेरा खुलवा दो बाबा श्याम जी
सपने में भी ना बुलु कभी मैं आपका नाम जी ऐसा कोई काम मेरा खुलवा दो बाबा श्याम जी, जय
सपने में भी ना बुलु कभी मैं आपका नाम जी ऐसा कोई काम मेरा खुलवा दो बाबा श्याम जी, जय
जलवा कम न होगा मेरे खाटू के दरबार का मैं हो गया दीवाना मेरे श्यामजी के प्यार का मैं घना
वारी जावा वारी जावा सांवरी सुरतियाँ पे वारी जावा, ऐसा शृंगार तेरा किसने सजाया है, देख देख भगतो का मन
!! भगता के सागे कीर्तन में खाटू वालो !! भगता के सागे कीर्तन में, खाटू वालो नाच रहयो..२ ठुमक –
अर्जी कर दी सांवरिया इ पर छाप लगा दयो जी, छाप लगादो छाप लगादो छाप लगा दयो जी, अर्जी कर
मैं भीख माँग रया हा ओ बाबा थारे द्वार, जनम जनम का काट के बंधन, कर दो भव से पार
मेरा क्या है कसूर तू बता संवारे मुझे अपने से क्यों किया दूर संवारे, नरसी का तूने भात भरा संवारे
मैंने ऐसा सोचा नहीं था जाऊँगा मैं खाटू कभी श्याम के हाथों में होगी मेरी साड़ी ही ज़िन्दगी मैं तो
सहारा हारे का मेरा श्याम, देता सहारा मेरा संवारा आये जो खाटू धाम सहारा हारे का मेरा श्याम करुना के
खाटू की माटी का तिलक लगा ले, ये गांव है श्याम धनि का अपनी किस्मत चमकाले, खाटू की माटी का