
मैं वैसा बन जाऊ जैसे तेरी मर्जी है
ये मेरी अर्जी है मैं वैसा बन जाऊ जैसे तेरी मर्जी है, वो इतना प्यारा है ये चाँद कहे उस

ये मेरी अर्जी है मैं वैसा बन जाऊ जैसे तेरी मर्जी है, वो इतना प्यारा है ये चाँद कहे उस

नित रोज नया भागा पहनावे भगता थाने श्याम जी, गूंज रहे सारी दुनिया में बाबा थारो नाम जी नित रोज

राख्यो बाबाजी को उत्सव प्यारा सांवरिया महारे मन मे चाव घनेरो,करा स्वागत बाबा तेरो महापर एक नजर तो फेरो प्यारा

तेरी सेवा की सावरिया चाहू मैं सोगात, थामे रहना तू जीवन भर बाबा मेरा हाथ, साथ ये छूटे ना श्याम

ले जायगे श्याम ले जायगे तुझे दिल में बिठा कर ले जाये गे, रह जाये गये रह गये जग वाले

तुझे कैसे सजाऊँ प्रभु तूने दुनिया सजाई है तेरी रचना क्या मैं लिखूं तूने सृष्टि रचाई है सेवक मैं तुम्हारा

नरम नरम लायी घाल गरम कान्हा माखन रोट मैं, श्याम जिमावे जाटनी घुंघट की ओट में, सांवरिया करूं ओट तन

मांगो जी जी भर के बाबा के दरबार से श्याम सरकार से ….. जिस का कही और नही इनकी शरण

मारे हेलो म्हाने खाटू वालो श्याम, के आयो मेलो फागण को आयो फागण को, के श्याम सागे नाचण को मारे

दर तेरा बाबा मुझे स्वर्ग से प्यारा, तेरा ही दर मेरे जीने का सहारा, श्याम खाटू वाले तुम शीश के