शीश दे दिया दान में
खाटू वाले की दया का बाजे सारे जगत में डंका, शीश दे दिया दान में खाटूवाले की महिमा पे करना
खाटू वाले की दया का बाजे सारे जगत में डंका, शीश दे दिया दान में खाटूवाले की महिमा पे करना
मैंने पूछा हज़ारों बार मगर एक बार नहीं बोले मेरे आंसू बहे हर बार मगर एक बार नहीं बोले मैंने
कभी ना कभी कही ना कही मेरा श्याम सलोना आएगा अपना मुझे बनाएगा ,जीवन ज्योत जगायेगा कभी ना कभी …….
जो हारा सांवरे जग से तू हारे का सहारा है, मेरी इस डूबती नैया का तू ही तो किनारा है,
सांवरिया से मिलने हम खाटू जी जायेगे, ग्यारस तो आने दो, भगतो की देखो कतारे आये निशान लेके सारे, रींगस
कण कण में बास हे जिसका ,तिहु लोक में राज हे उसका, हारे का साथ निभाए ,प्रेमी को गले लगाए,
मन का पंक्षी भटक रहा है मिले न कोई किनारा, छोड़ छाड़ ये दुनिया दारी खाटू दौड़े आना, जपो सुबहो
आया फागुन मेला बड़ा ही अलबेला, चलो रे बाया चलो खाटू नगरिया, फागन के मेले की मस्ती निराली, संग संग
सारा ज़माना मेरे श्याम का दीवाना, जीना हो सिर उठा के शरण में इनकी आना, विश्वाश दिल से करले हर
श्याम ने दिया है जो भी श्याम ही संभालेगा नईया मझधार से श्याम ही निकालेगा खाली हाँथ आये और खाली