आना मेरा स्वीकार करो
खाटू के श्याम बाबा आना मेरा स्वीकार करो हे गिरधर गोपाला आना मेरा स्वीकार करो सब कुछ हार के आया
खाटू के श्याम बाबा आना मेरा स्वीकार करो हे गिरधर गोपाला आना मेरा स्वीकार करो सब कुछ हार के आया
बैठे है सझ धज के हां देखो जी खाटू वाले, मोटे मोटे नैना है काले काली काली काजल है डाले,
फागुन मेला आ रहा हो जाओ त्यार, भुला रहा है संवारा खाटू के दरबार, चलो साथियो श्याम के मेले में
मैं जीत नही मांगू मुझे हार दे देना, क्या करू किनारे का मजधार दे देना, अक्षर देखा मैंने जब तूफ़ान
इस दुनिया कोई भी जब किसी के आगे हाथ फैलता है तो बो भिखारी ही कहलाता है हम चाहे कितने
किसी की हो गये बल्ले बल्ले किसी की चाँदी चाँदी है, सांवरिये ने मेरी भी सोई तकदीर जगा दी है,
हम बाराती बाबा दूल्हा बन ने वाला है, पगड़ी बांघ रहा है नीले चढ़ने वाला है, सब झूमो नाचो वो
मेरे श्याम की ऐसी अजब कहानी है सारी दुनिया बाबा की दीवानी है हर हारे को अपनी शरण में लेते
खाटू वाले बाबा तेरे पीछे पीछे आनियाँ, अपना बना ले तेनु तर ले मैं पानिया, इश्क का रोग लगा तेनु
मोर छड़ी ले आन सावारो नीले के अशवार, भवर में डोल रहा सरकार…. कैसे ये रिश्ते नाते मतलब का ये