पग पग पर दिया सहारा
कभी आया साथी बनकर कभी आया माझी बनकर, पग पग पर दिया सहारा कई रूप में तूने आकर, जय श्री
कभी आया साथी बनकर कभी आया माझी बनकर, पग पग पर दिया सहारा कई रूप में तूने आकर, जय श्री
चोकठ पे तेरी लिखा हारे का सहारा श्याम हमारा हार के मैं भी आया देदो अब सहारा तेरे भगतो ने
मेहक उठा है जीवन जब से मिल गए सेठ सांवरियां जब श्यामघनी ने फेरी रहमत की नजरियाँ मेहक उठा है
तेरे दरबार में हमने बात अजब देखी इनायत की नज़र तेरी हर एक पर एक सी देखी बिगड़ जाए जो
श्याम प्रभु का घर है ये श्याम ही इसके मालिक है हम तो निर्भय रहते हैं श्याम हमारा रक्षक है
ग्यारस की ग्यारस हर बार जाता हु मैं श्याम के द्वार, पर मुझको घर बैठे ही ऐसा लगता है कई
तेरे कीर्तन यहाँ होंगे तेरे प्रेमी वाहा होंगे, तेरे नाम का डंका श्याम हम दुनिया में बजा देंगे, हर ग्यारस
सूझे ना राह बाबा करदे निगाह बाबा बिन तेरे जाऊं कहाँ बाबा चरणों में देदे जगह सांवरे सूझे ना राह
मेरे सिर पर रखदो हाथ मेरे खाटू वाले, दीनो के तुम हो नाथ मेरे खाटू वाले, सोंप दिया मैंने तुम्हे
कुछ ऐसा कर कमाल के खाटू आ जाऊ, मैं भटक रहा फिहाल के तेरा हो जाऊ, जुदाई ये अब तो