इक झलक दिख ला जाना
सुबह को मेरी आंख खुले तो श्याम सामने आ जाना, शाम को सोहने से पहले बस इक झलक दिख ला
सुबह को मेरी आंख खुले तो श्याम सामने आ जाना, शाम को सोहने से पहले बस इक झलक दिख ला
जो बैठे बॉर्डर पे बाबा छोड़कर के अपना घरबार मेरे उन फौजी भाइयो का हमेशा सुखी रहे परिवार बाबा श्याम,
घर घर में वस् रहा है मेरा श्याम खाटू वाला, मेरा श्याम वाला मेरा श्याम नीले वाला, नीला है इस
फागण की आई बहार खाटू धूम मची, उड़े उड़े रे गुलाल नीला पीला हरा लाल, पड़े रंगो की फुहार,खाटू में
फागुन का है मेला आया मेरे लखदातार, जम कर होली खेले गे तेरे संग में ओ लखदातार, लाल गुलाल लगा
दोहा: थारे हाथां सौंप दी, घर की चाबी श्याम, जद स तू मुखियाबण्यो, मिट गया कस्ट तमाम, म्हारे घर को
जबसे देखा तुमहे जाने क्या हो गया, ऐ खाटू वाले श्याम मैं तेरा हो गया, तू दाता है तेरा पुजारी
जिसका साथी बन जाये एक बार सांवरिया, फिर उसको किसका डर हो जिसका यार सांवरिया, ये सबकी पीड़ा जाने आता
मंदिर में अपने हमे रोज भुलाते हो, कभी कभी हमसे भी मिलने क्यों नहीं आते हो, मंदिर में अपने हमे
कितना अजीब मोहन किस्मत का लेख मेरा, जो कुछ भी हो रहा है,उस में हाथ तेरा, कितना अजीब मोहन किस्मत