
हार के मैं आया हूँ तेरे दरबार में
हार के मैं आया हूँ तेरे दरबार में तेरे ही भरोसे चलती भगतों की नाव रे सुना तेरी चौखट पे

हार के मैं आया हूँ तेरे दरबार में तेरे ही भरोसे चलती भगतों की नाव रे सुना तेरी चौखट पे

भटक रहे है दर दर हम ढूंढ रहे है तुम्हे कदम, कहा छुपे हो बाबा मुश्किल में हम, आ भी

तू हाथ पकड़ ले बाबा ये हाथ कभी अब छूटे न, साथ तेरा न छूटे तू मुझसे रूठे न, मेरे

साँवरा दयालु है प्रेम को निभाता है, कभी कोई मुश्किल पड़े बाबा दोहरा आता है, जब भी मैं हारा इसने

नहीं श्याम सा कोई सोहना दुनिया में कोई होना, दिलदार बड़ा है श्याम मेरा खाटू वाला, सब देख लिया इस

मस्त नज़रों से जिसका पड़ा वास्ता वो तो खुशियों से दामन भरा ले गया जिसने बाबा को अपना ये दिल

म्हारी सुन लो श्याम सरकार सभी कुछ हार के आया हु बाबा मैं हु बड़ा लाचार तेरे दरबार में आया

हम है प्रेमी बाबा के क्यों डरे ज़माने से, वास्ता हमारा है खाटू के गहराने से बाबा जब भुलाये गये

परिवार मेरा तेरे हवाले खाटूवाले, चलना साथ साथ बाबा मेरी राहो में, अगर गिर मैं जाओ कही उठा ले न

श्याम तेरे दर पे आया हूँ चाकर रख ले मुझे इक बार चाकरी का मौका दे दे श्याम तेरे दर