
श्याम की पूजा श्याम की सेवा
श्याम की पूजा श्याम की सेवा दोनों से बड कर काम न दूजा, आजमाया है फिर ये गाया है, मैंने

श्याम की पूजा श्याम की सेवा दोनों से बड कर काम न दूजा, आजमाया है फिर ये गाया है, मैंने

देख के तेरी सुरतियाँ मैं तो हो गई वनवारियाँ,. तेरे भाववे सिरंगी मैं दीवानी सी हो गई, मैं धनि बनवाली

लेला मैं लेला खाटू का मेला दर्शन को आई बाबा मौका है पहला, हाथो में लाई तेरी मुरलियाँ भूल गया

दुनिया के द्वारो से मैं ठोकर खा के श्याम धनि आई हु तेरे द्वार, मेरी सुनी हो गई मांग सो

आयो रंग रंगीला फागन मेला देखन जावन दे खेलन दे रंग श्याम के अंगना खेलन दे खेलन दे मने खेलन

सावरे मेरी भी तू लाज रख ले, खाटू धाम में अपने तू साथ रखले, लाज रख ले लाज रख ले…

चरणों का पुजारी हु तेरे दर का भिखारी हु, ज़िंदगी दाव पे रखड़ी प्रभु ऐसा जुवारी हु, ये मेरी हकीकत

बाबा की तस्वीर मैं ऐसी बनाउंगी जैसे बहैठे खाटू में वैसे दिखलाऊँगी बाबा की तस्वीर …………. मेरे मन के मंदिर

माना मुश्किल बहुत बड़ी पर डरने की क्या बात है, लेके हाथ में मोर छड़ी जब बाबा अपने साथ है,

तुम्हे पुकारे शीश के दानी-२, सुनलो मेरी पुकार सांवरिया आ जाओ एक बार कन्हैया आ जाओ एक बार खाटू में