खाटू आना जाना जब से बड़ गया
खाटू आना जाना जब से बड़ गया, श्याम प्रेम का मुझे भी रंग चढ़ गया, रंग चढ़ गया रंग चढ़
खाटू आना जाना जब से बड़ गया, श्याम प्रेम का मुझे भी रंग चढ़ गया, रंग चढ़ गया रंग चढ़
मझदार फसी नैया बड़ी दूर किनारा है, एक तू ही आ के राख हारे का सहारा है संवारे एक तू
श्याम हमारे दिल से पूछो , कितना तुमको याद किया, याद में तेरे हे मनमोहन, जीवन यु ही गुजार दिया,
तुझे अपने बाबा पे भरोसा जो होगा, जो कुछ भी होगा अछा ही होगा, तुझे अपने बाबा पे भरोसा जो
बाबा ने मेरे वास्ते क्या कुछ नहीं किया सौ बार शुक्रिया तेरा सौ बार शुक्रिया हंड्रेड बार शुक्रिया तेरा मिलियन
इतना बता दो सांवरिया के गलती म्हारी होगी मैं भी जिद पे अड़ा हु बाबा म्हारी भी सुन नी होगी
हम प्रेमी हैं श्याम के गर्व से कहते हम श्याम का प्रेमी बनूँ हमेशा लूँ मैं जब भी जनम मुझे
अमृत बरस रेहो अम्बर से, छम छम कर तो आजा बाबा नीले चढ़ के, फुला के गजरो से बाबा यो
खाटू वाला श्याम हमारा कलयुग का अवतार हारे एक है तू ही सहारा दीनो का दातार जबसे तेरी शरण में
मौज़ उड़ाएगा तू रोज उड़ाएगा, खाटू वाले श्याम के दर, जिस रोज तू आएगा मौज़ उड़ाएगा तू रोज उड़ाएगा… खाटू