
मौज़ उड़ाएगा तू रोज उड़ाएगा,
मौज़ उड़ाएगा तू रोज उड़ाएगा, खाटू वाले श्याम के दर, जिस रोज तू आएगा मौज़ उड़ाएगा तू रोज उड़ाएगा… खाटू

मौज़ उड़ाएगा तू रोज उड़ाएगा, खाटू वाले श्याम के दर, जिस रोज तू आएगा मौज़ उड़ाएगा तू रोज उड़ाएगा… खाटू

वादा निभाना मेरे सँवारे, घर में हमारे भी आना सँवारे, प्रेमी की थाली मैं तू मो झुमाउ गी, अपने हाथो

कब तक छुप बैठे अब तो पट है खोलना, हम दुखियों का बाबा दिल ना तोड़ना मर जायेगे हम खाटू

मुझे ओ सँवारे करुणा की गंगा में बहा लेना, मैं जब लू आखरी सांसे,मुझे खाटू भुला लेना, भुजे जब दीप

श्याम आ श्याम आ श्याम आ, खाटू वाले श्याम एक दिन तेरे दर आये गे, सामने होगा तू होगी जो

चालो भगतो रल मिल चालो चालो खाटू धाम कलयुग को वा देव निरालो बैठो बाबा श्याम सब सेठो रा सेठ

हारे को जिताने आ जाओ रट को हंसाने आ जाओ गिरते को उठाने आ जाओ आजा प्रेमी बुलाये तेरा ओ

बाबा खाटू आने को मेरो मन ललचावे रे हर ग्यारस तेरे दर्शन हो वो दिन फिर आवे रे ग्यारस पे

नैया फसी हमारी सूजे नहीं किनारा मोहन तेरा सहारा, कुछ तो है डर हवा का कुछ नाव है पुराणी, कुछ

सांसो की गिनती से ज्यादा श्याम तेरे एहसान है, तुमसे ही शान मेरी तुमसे पहचान है, ऐसा वक़्त भी देखा