जीवन की सूनी राहों में जब जब दिल घबराता है
जीवन की सूनी राहों में जब जब दिल घबराता है खाटू वाला हाथ पकड़ कर मुझको राह दिखता है मेरी
जीवन की सूनी राहों में जब जब दिल घबराता है खाटू वाला हाथ पकड़ कर मुझको राह दिखता है मेरी
बिगड़ी मेरी बन गई श्याम तेरे नाम से, ज़िंदगी मेरी बन गई तेरे नाम से, बिगड़ी मेरी बन गई श्याम
तू श्याम सहारा हारो का जग में किस्मत के मारो का, तुझे पहचान लिया है अपना तुझे मान लिया रे,
देखो प्यारे श्याम का ये दरबार है, हर भगतो का होता बेडा पार है, हारे का साथी ये लखदातार है,
सँवारे दया करो मेरी फर्याद सुनो, गले से लगा के बाबा मुझे आबाद करो, श्याम तुम मेरा हाथ थाम लो,
तेरे दरबार में इस सिर का झुकना भी जरुरी था, मेरी आँखों से आंसू का टपकना भी जरुरी था, बताओ
जो सेवक महारे श्याम धनि की सेवा रोज करे, जात पात ना पूछे बाबो वो तो मौज करे, दर पे
((तर्ज -जब कोई नहीं आता मेरे काम)) जब कोई नहीं आता मेरे काम, मेरे लब पे आता है श्याम नाम,
साँची साँची बोल संवारा माहरे घरा कद आवे गो, पलके बिछाया बैठा मैं तो कद सु दर्श दिखावे गो, साँची
मस्ती की होवे बरसात सांवरिया तेरे मंदिर में नाचेंगे आज साड़ी रात ओ श्याम तेरे मंदिर में आता है फागुन