छोड़ के तेरा धाम ओ बाबा श्याम मैं नहीं जाना रे
छोड़ के तेरा धाम, ओ बाबा श्याम में नहीं जाना रे नहीं जाना मै,नहीं जाना मैं,नहीं जाना मैं,नहीं जाना ,
छोड़ के तेरा धाम, ओ बाबा श्याम में नहीं जाना रे नहीं जाना मै,नहीं जाना मैं,नहीं जाना मैं,नहीं जाना ,
चलो न सँवारे के दर वही दिन बीत जाएंगे, सुना है भजनो से रिजे नये हम गीत गायेगे, चलो न
जब से हुई श्याम बाबा की नजर जिंदगी अपनी गई है सवर, जो भी माँगा मैंने श्याम से मुझको वो
खाटू श्याम की नज़र जिसपे पड़ने लगी उसकी तक़दीर पल में बदलने लगी मेरे बाबा की नज़र जिसपे पड़ने लगी
सभी से हार कर बाबा तेरे दरबार आया हु, बड़ी उम्मीद लेकर के मैं लखदातार आया हु, करू किस पर
एह श्याम मेरे तेरियां अँखियो से ये प्रेम सदा ही बरसता रहे, तेरे माथे में ये सजा निरशल जीवन भर
जब लाल तुम्हारा हु तो और कहाँ जाऊंगा, चरणों मे जगह दे दे वरना गोदी चढ़ जाऊंगा। हारे का सहारा
मोरछड़ी के झाड़े से …… बिपदा भी टलती खुशियां भी मिलती श्याम धणी के इशारे से मोरछड़ी के झाड़े से
मैं तो ओढली चुनरियाँ थारे नाम री, थारे नाम री थारे नाम री, मैं तो ओढली चुनरियाँ थारे नाम री,
शीश निभाती जिसको दुनिया करती जय जय कार, देवो मे है देव निराला लीला अप्रम पार, वो है श्याम धनि