खाटू में मेरा सेठ संवारा रहता है
खाटू में मेरा सेठ संवारा रहता है, सेठ के दर पे रोज खजान बटता है, पल भर में बनते है
खाटू में मेरा सेठ संवारा रहता है, सेठ के दर पे रोज खजान बटता है, पल भर में बनते है
मेरे बाबा को भी, ग्यारस का इंतजार रहता है, वो श्याम धणी, भक्तों के लिए बेकरार रहता है… मेरे बाबा
मर्ज़ी तेरी है थामो ना थामो मेरा हाथ मैंने सुना है सबसे हारे का साथी बनके देते तुम साथ अखबारों