
मेरे दिलदार बाबा सुन
मेरे दिलदार बाबा सुन पढ़ी मजधार में नैया उठा पतवार आके, मैं तो हु बाबा बहुत दुखारी, आया हु मैं
मेरे दिलदार बाबा सुन पढ़ी मजधार में नैया उठा पतवार आके, मैं तो हु बाबा बहुत दुखारी, आया हु मैं
खाटू में मेरा सेठ संवारा रहता है, सेठ के दर पे रोज खजान बटता है, पल भर में बनते है
मेरे बाबा को भी, ग्यारस का इंतजार रहता है, वो श्याम धणी, भक्तों के लिए बेकरार रहता है… मेरे बाबा
मर्ज़ी तेरी है थामो ना थामो मेरा हाथ मैंने सुना है सबसे हारे का साथी बनके देते तुम साथ अखबारों