
मंदिर खोलो बाबा
तर्ज : पिया आवो तो मनड़ा री बात बाटड़ल्यां थारी जोवंती म्हारी आँखड़ल्या दिन रात “रजनी” ऊडीके साँवरा तो कोई

तर्ज : पिया आवो तो मनड़ा री बात बाटड़ल्यां थारी जोवंती म्हारी आँखड़ल्या दिन रात “रजनी” ऊडीके साँवरा तो कोई

आया हु बाबा दर पे , कृपा तु मुझपे करना, मेरी नैया पार करना-॥ बन करके श्याम माझी, आया हु

चलो बुलावा आया है बाबा ने बुलाया है बाबा का बुलावा आ गया चल चलिए चल चलिए किया श्याम ने

शुक्र करूँ तेरा शुक्र करूँ तेरा हर पल दिन और रात ओ बाबा शुक्र करूँ मेरी बानी रही जी बात

भक्तों श्याम जयंती आई सबके मन में खुशियां छई जनम लियो श्याम ने भक्तों बज रही शहनाई खाटू धाम में

जिसके ऊपर श्याम तुम्हारी मोरछड़ी लहराए वो तो मौज उड़ाए श्याम वो तो मौज उड़ाए मोरछड़ी का झाड़ा पा कर

स्वच्छ रहे खाटू ये अपना मिलकर कदम उठाओ रे, धाम श्याम के आ करके क्यों तुम गंदगी फैलाओ रे, स्वच्छ

मेरे बाबा से अर्जी लगाओ खाटू वाले से अर्जी लगाओ तू सुनेगा तुझे मैं सुनाऊ तेरे होते मैं क्यों हार

बाबा करदो कृपा अपने इस दास पे श्यामा करो दो कृपा अपने इस दास पे एक तुम ही तो हो

चालो रे चालो रे, खाटू वालो श्याम बुला रहियो, बाबा से मिलने खातिर, मन हरषा रहियो, घर खाटू धाम सो,