
रिश्ता हमारा श्याम से कितना अजीब है
रिश्ता हमारा श्याम से कितना अजीब है, वह बैठा खाटू धाम में फिर भी करीब है, रिश्ता हमारा श्याम से

रिश्ता हमारा श्याम से कितना अजीब है, वह बैठा खाटू धाम में फिर भी करीब है, रिश्ता हमारा श्याम से

खाटू जा कर के देख हर काम बनेगा, तेरी हर मुश्किल विपदा मेरा श्याम हरे गा, रहेगा साथ तेरे सांवरियां

श्याम थारी चोकठ पे आया हु मैं हार के, लायक बना लो माहरे थारे दरबार के , हारियो का साथी

हुई किरपा जो श्याम तेरी मैं पल पल शुक्र मनाता हु, तुम से पहले श्याम तेरे भक्तो को शीश निभाता

सुना दी मैंने सांवरे को अपने दिल की बात, आना है हर में तुमको गिरस की है रात, कहा छुप

तूने भुलाया बाबा लो मैं आ गया, तेरा दर ये बाबा मन को भा गया, हां भा गया हां भा

खिल जाता है फूल सा तेरा नाम, हर घडी हर पल मुझे याद तू आता श्याम, बोलो श्याम बोलो श्याम

दीवानी हुई दीवानी, मस्तानी हुई मस्तानी सखी देख श्याम श्रृंगार, हुई रे में दीवानी हुई रे में दीवानी,हुई रे में

तर्ज – होंठों से छु लो तुम इक रात तबस्सुम में, मिलने को श्याम आये, आंखें बरसे मेरी, मेरे होंठ

जो कुछ भी हु यहाँ भी हु प्रभु आप की किरपा है, गुण गान जितना भी करू थकती नहीं जुबान