अरे फागुन आयो श्याम जी थोडा सा रंग लगवा लो
अरे फागुन आयो श्याम जी थोडा सा रंग लगवा लो हम है तेरे प्रेमी बाबा हम को भी रंग डारो
अरे फागुन आयो श्याम जी थोडा सा रंग लगवा लो हम है तेरे प्रेमी बाबा हम को भी रंग डारो
साँवली सुरतिया है मुख पर उजाला, ऐसा अनोखा मेरा श्याम खाटू वाला लीले वाला जो भी आया चरणों में उसको
नौकर रख ले तू एक बार, तेरा बहुत बड़ा दरबार मेरे सांवरिया, सारी दुनिया में चलती है , बस तेरी
हारा हु मैं हारा हु मैं, हारा हु मैं, देना सहारा हारे के सहारा हो तुम, जाऊ कहा कोई नही
मुझे मेरे अंसुवन से तुम्हारी पाँव धोने दो, श्याम इन पावन चरणों से लिपट कर मुझे रोने दो, मुझे मेरे
छोटी सी ये अर्ज़ी,करली तूने स्वीकार जन्मदिवस से पहले ही,खोल दिया दरबार अब ना अकेला होगा,श्याम खाटूवाला पड़ा नहीं होगा
तर्ज : तुम साथ हो जब अपने मतलब कि दुनिया है कोई काम ना आयेगा श्री श्याम को तू भजले
मेरी लाज रखना मेरी लाज रखना, तेरी शरण में आया मैं बाबा हाथ रखना, मेरी लाज रखना……. तू है दाता
तेरे दर पे खड़ा इस दर पे मुझे, मेरा हक़ तो जताने दे, बात परदे की है इस परदे में
हो बाबा आवे थारी याद खाटू से आने के बाद म्हारो मनडो न लागे जी खाटू नगरी को सांवरियां ऐसो