
म्हारो मनडो न लागे जी
हो बाबा आवे थारी याद खाटू से आने के बाद म्हारो मनडो न लागे जी खाटू नगरी को सांवरियां ऐसो

हो बाबा आवे थारी याद खाटू से आने के बाद म्हारो मनडो न लागे जी खाटू नगरी को सांवरियां ऐसो

श्याम तुम्हारे खाते में,नाम हमारा लिख लेना, चरण चाकरी दे देना,अपनी शरण मैं ले लेना, श्याम तुम्हारे खाते में,नाम हमारा

तेरे होते क्यों भटके दर दर श्याम मेरे, तुझे पुरे करने होंगे बिगड़े काम मेरे, हारे के सहारे कहलाते है

चल पड़ा है चल पड़ा है चल पड़ा है वो लीले घोड़े वाला देखो चल पड़ा है किसे ने जब

मस्त महीना फागण का खुशियों का आलम छाया चालो चालो खाटू धाम मेला फागण का है आया रंग गुलाल अबीर

रोती आंखे रोने ने श्याम चरण को धोने दे, गम आंसू में ढल जाये शायद शाम पिगल जाये, हे नायक

ये तो सच है मेरे सँवारे तेरे बिन न जी पाएगे, तूने किरपा जो हम पे की कैसे उनको भुला

बाबा जहाँ हम हैं वहाँ,इसके सिवा जाना कहाँ, जो चाहे हमको आवाज दे, हम हैं वहीँ, बाबा जहाँ, अपना यहीं

क्या कहने मेरे बाबा के हारे के सहारे बन गए माने जो भी माँगा था इनसे मेरी झोलियाँ भरते चले

खाटू वाले श्याम तेरे घर आया घर आया मैं तेरे घर आया, मुझको भरोसा भारी है, अब बाबा तेरी बारी