
डगमग डोले जीवन नैया बीच फँसी मझधार
डगमग डोले जीवन नैया बीच फँसी मझधार पार लगा दे खाटू वाले थाम के तू पतवार जिसके साथ खड़ा तू

डगमग डोले जीवन नैया बीच फँसी मझधार पार लगा दे खाटू वाले थाम के तू पतवार जिसके साथ खड़ा तू

हिचकी आवे रे संवारा मन में, याद भगता री आवे के तने हिचकी आवे रे संवारा मन में, रात नु

बाबा थारी चौकठ पर सारी दुनिया ने आनो है, कलयुग में प्राणी को बस यु ही ठिकानो है, बाबा थारी

मेट ही दिए भक्तो के संकट तूने बात ही बात में, लीले वाले लेहरी जब मोरछड़ी तेरे हाथ मे, उजड़े

ग्यारस की मैं धोक बाबा खाटू में लगावा गा थारे चरना में रम जावागा ग्यारस की मैं धोक बाबा खाटू

अपना जीवन मैं बिताऊं श्याम तुम्हारे चरणों में जग का सताया हूँ ग़म का मारा दे दो सहारा चरणों में

जब भी पड़ी कोई दरकार नीले चढ़ आयो सरकार, झूठी दुनिया सारी स्वार्थ की सहेली से, म्हणे राखे महारा श्याम

तेरी मोर छड़ी का झाड़ा लग जाए सांवरे, दुख जिंदगी के सारे मिट जाए सांवरे, जो श्याम शरण में जाए

दुनिया ने जिनको ठुकराया याहा गले लगाए जाते है, दरबार में खाटू वाले के दुःख दर्द मिटाये जाते है, पी

ना मांगू हीरे मोती न शाही ठाठ रे, मैं तो बस मांगू बाबा इक तेरा साथ रे, साथ तुम्हारा मांगू