मैंने पूछा श्याम धनि से कब दर पे भुलाओ गे
मैंने पूछा श्याम धनि से कब दर पे भुलाओ गे, तेरे दर्शन का प्यासा कब दर्श दिखाओ गे, मैंने पूछा
मैंने पूछा श्याम धनि से कब दर पे भुलाओ गे, तेरे दर्शन का प्यासा कब दर्श दिखाओ गे, मैंने पूछा
सुनो सांवरे दिल मेरा क्या, खुशियों का हकदार नहीं, खाटू वाले मेरे दिल की, सुनते क्यों फरियाद नहीं, तेरे सिवा
बाज रहा डंका खाटू धाम का चाहे घूम लो दुनिया सारी नही कोई बाबा श्याम सा साल तीनसो पेहले बाबा
तेरे साये में मैं पला,तूने टाली मेरी हर बला, श्याम तू मेरा श्याम,मैं तेरा लाडला, बन के मेरा साया तूफ़ाँ
कलयुग के माह सेठ संवारा बहुत सुने से नाम तेरा, श्याम मने दर पे भुला ले ने मैं भी तो
जाके सिर पे हाथ माहरे श्याम धनी को हॉवे है, बांको बाल न बांको हॉवे से , कलयुग में बाबा
आई फागण की रुत आई अब तो आजा श्याम कन्हाई तेरे मुखड़े पे मलके गुलाल कन्हैया कर देंगे कारे से
हर टूटे दिल को जिसने लिया संभाल है l वो सबका लखदातार सब उसके लाल है ll सजता खाटू में
मेरे घर आइये श्याम सेठां बरगा ना ठाठ मेरे घर आइये श्याम मेरी छोटी सी स झुपड़ी,रे कदे आइये श्याम
तुमसे मेरा ये जीवन तुमसे ही शान है दुनिया में तुमसे बाबा मेरी पहचान है तुम हो तो ये ज़माना