मैं दर आ गया हूँ मेरी सुध लेना
ओ सांवरे मेरी सुध लेना मैं तंग आ गया हूँ मेरी सुध लेना मैं दर आ गया हूँ मेरी सुध
ओ सांवरे मेरी सुध लेना मैं तंग आ गया हूँ मेरी सुध लेना मैं दर आ गया हूँ मेरी सुध
छोड़ के खाटू नगरी को मेरे घर आ जाओ श्याम, मैं निर्धन बालक हु तेरा तुम मेरे घनश्याम, तिनका तिनका
श्याम को रिझाना है तो भाव से रिझा श्याम दरबार में तू भाव ना दिखा राजे रजवाड़े देखते ही रह
मुझे एक बार तो बाबा तेरी गोदी में सोने दे, ये दिल भर आया है मेरा मुझे जी भर के
ये दुनिया वाले क्या जाने मेरा आधार लखदातार मेरा आधार लखदातार मेरा आधार लखदातार मेरा आधार लखदातार नहीं मुझको कोई
बाबा मैं हार गया हूँ मुझको जिताने आजा डूबती नैया को कन्हैया बचाने आजा बाबा मैं हार गया हूँ ……………..
तुम आज मेहर बहाओ बाबा कल शयाद तेरी मेहर न रहे, मैं जो कुछ हु तेरी रहमत है कल शयद
प्यारा प्यारा मुखड़ा गज़ब शृंगार, सोहना सा लागे लखदातार, मोर मुकत माथे चन्दन टीका, गले में सोहे फूलो का हार,
तुझसे बड़ा साहूकार सांवरिया ना देखिया संसार में, कई भिखारी बन गये राजा आके तेरे दरबार में, तुझसे बड़ा साहूकार
गुजरी क्या होगी उस माँ के दिल पर, जिस का न बेटा घर आया दम दुनिया को जीत ने का