
इतने सेठ जहां में मौज उड़ाते है
शहनाइयों की सदा कह रही है, ख़ुशी की मुबारक घडी आ गई है, सगे सुरख बागे में चाँद से बाबा,

शहनाइयों की सदा कह रही है, ख़ुशी की मुबारक घडी आ गई है, सगे सुरख बागे में चाँद से बाबा,

हारयोडा हा बाबा चाले ना कोई जोर, थे ना सुनो गा बाबा सुने गो कुण ओर, थारे ही भरोसे चाले

सँवारे किसमत का मारा हु खाती नगरी आया हु, श्याम धनि तू सेठ कहावे आशा लेकर आया हु, घर से

थारो म्हारो साँवरा कोई बहुत पुराणों सीर, जद जद खाटू आवा लागे आग्या म्हे तो पीर, म्हारो इतनो लाड करे

ना छूटेगा बाबा ये साथ तुम्हारा मेरा दिल ही घर बन गया है तुम्हारा नाम जबसे तुम्हारा श्याम मैंने लिया

म्हाने कोई खाटू तो ले चालो श्री श्याम का दर्शन करके जी सुख पावे, घना दिना बाट उडीकी मैं तो

एक भरोसा श्याम तुम्हारा और कहा हम जायेगे, तुम मालिक बनकर के रहना हम नौकर कहलाये गए, तुम जानू कैसे

म्हारे श्याम धनि री भोत मन में आवे म्हारा साथीड़ा, आवे म्हारा साथीड़ा महान खाटू में ले चालो जी… गंगा

भावना में भाव ना हो तो भावना बेकार है और भावना में भाव हो तो भव से बेडा पार है

जब मिलने को दिल चाहे तू ऐसी युगति बनाये एहसान तेरा सांवरिया मुझे हर ग्यारस पे बुलाये जब मिलने को