खुद से चल जाती नैया जो हमारी
दुनियां में कोई भी सहारा न मिला, कस्ती को कोई भी किनारा न मिला । मेरे माझी बन जाओ, मेरी
दुनियां में कोई भी सहारा न मिला, कस्ती को कोई भी किनारा न मिला । मेरे माझी बन जाओ, मेरी
लेकर हाथों में निशान चले श्याम तेरे दीवाने, हो श्याम तेरे दीवाने हो श्याम तेरे मस्ताने, लेकर हाथों में निशान
गाती तराण आज श्याम बहार झूम के, नाचे मयूरी मन भर मेरे श्याम झूम के, हुआ मैं कैसे तेरी नजरो
तेरे भरोसे छोड़ी मैंने या जीवन गाडी रे, अड़े आजा खाटू वाले विपदा पड़ गई बाहरी रे, मने जोर बथेरा
भले कुछ और मुझे तू देना न देना, मगर इतनी किरपा तेरी मुझमे करना, खर्चा मैं घर का चलाता रहू,
दुनिया में लाखो रंग कोई न मन भाया, सबसे ये सोहना रंग ये श्याम राज आया, इस प्रेम रंग को
हाज़री लिखवाता हूँ हर ग्यारस में, मिलती है तन्खा मुझे बारश में, दो दिन के बदले में तीस दिनों तक
खाटू चली खाटू चली देखो खाटू चली, छुक छुक रेल देखो खाटू चली, बिज़नेस को छोड़ लेकर ऑफिस से लीव,
तेरे भरोसे सँवारे हर काम हो रहा चुप चाप किया तूने मेरा नाम हो रहा, मर्जी चले जो तेरी चले
करता तुम्ही और कारण तुम्ही, करते तुम्ही और तारण तुम्ही, जीवन क्या राज समजा हु मैं समस्या तुम्ही और निवारण