
श्याम अखाड़ों की मर्यादा
श्याम अखाड़ों की मर्यादा फिर पहले से ला दो ना ज्योत जगे बाबा थी पावन जिसमे आप विराजो ना श्याम

श्याम अखाड़ों की मर्यादा फिर पहले से ला दो ना ज्योत जगे बाबा थी पावन जिसमे आप विराजो ना श्याम

जग उजियारा है ये दीनो का सहारा है ये, कोई पाया न इसका पार अपना सावरिया सरकार, हारे का सहारा

तेरी शरण हम आ गए बाबा किरपा करो भटके हुए राही थे हम अब तो दया करो तेरी नजर पड़ी

लेना हमारी हाज़री हर दिन सुबहो श्याम, पुकारो गे जो मुझको बोलूगा जय श्री श्याम, श्याम जय श्री श्याम जय

जय हो जय हो तेरी जय हो खाटू वाले तेरी जय हो, ओ सारे बोलो प्रेम से बोलो खाटू वाले

चालो जी चालो खाटू धाम आपा चाला खाटू में श्याम ने रिजावा जी, खाटू धाम आपा चाला, फागण रो महीनो

अपना तो खाटूवाला, ये लीले घोड़े वाला सांवरा, भक्तों का रखवाला, ये मुरली वाला, भगतों का रखवाला श्याम की किरपा

ये दीवानो की बस्ती है, यहाँ मस्ती ही मस्ती है, खाटू में तेरे नाथ श्याम की किरपा बरसती है, ये

तुमसे में क्या मांगू इतना बतला दो न, छोटी सी कुटियाँ है इक बार आ जाना, संवारे रखदो न अपने

बैठा जो खाटू में उस से कहना है धरा में तेरे ही हम को बेहना है, सारी उम्र तेरे संग