फागुन का मेला आया है
फागुन का मेला आया है अब आपका आना बाकी है, मेरे दिल में तेरी लगन लगी अब आपका आना बाकी
फागुन का मेला आया है अब आपका आना बाकी है, मेरे दिल में तेरी लगन लगी अब आपका आना बाकी
मैं श्याम धनि के जाउंगी चरणों में शीश झुकाऊँगी , हाथो से ज्योत जलाउंगी तो भजे गे ताशे श्याम श्याम
लॉकडाउन में दुनिया भर के बंद सभी बाजार रहे, मगर तेरी किरपा वाले श्याम खुले दरबार रहे, नीले घोड़े बैठ
तु ही हारे का सहारा खाटू सांवरिया, मैं आया तेरी नगरियां खाटू सांवरियां, सांसो की माला में सँवारे सिमर तुझे
श्याम तेरे दर्शन का सारा जग ही दीवाना है थोडा सुख मांगे जो उसे मिलता खजाना है छु के तेरी
यहाँ विराजे शीश का दानी मेरा बाबा श्याम, दीवाने मुझे ले चल खाटू धाम, तन मन धन सब इनके अर्पण,
श्याम तेरे चरणों में मेरा है ठिकाना ओ मेरे श्याम मुझे बुल न जाना नही जाना श्याम तुझे भजनों से
खाटू के श्याम बाबा मिला जब से तेरा सहारा, दुःख दूर हो गये सब होता आराम से गुजारा, खाटू के
अब नहीं और कुछ चाहिए, मिल गए मुझको तुम साँवरे, बनके बंजारा भटका बहुत नाम का तेरे मैं वनवारे, तू
बोलो थक गये क्या बाबा, तेरे दोनों पांव रे, बेगा पधारो बाबा, निर्धन के गांव रे, मैं तो हरदम आता