याद आ रही
याद आ रही है मुझे याद आ रही है तेरे खाटू की वो गलियां मुझे बुला रही है तुम ही
याद आ रही है मुझे याद आ रही है तेरे खाटू की वो गलियां मुझे बुला रही है तुम ही
बड़े दिनों से श्याम हम मिल नहीं पाए हैं देखे बिना तुमको नैना भर आये हैं सांवरे दे दो दरस
सांसो का बनाके हार बाबा को चढ़ा दे, भावो का पिरोके हार बाबा को चढ़ा दे, सांसो का ठिकाना क्या
किस्मत से शुभ दिन आया,श्याम खाटू से चलकर आया चन्दन चौक पुराओ,मंगल कलश सजाओ कोई पुण्य सामने आया श्याम खाटू
श्याम ये जीवन की धारा आपके चरणों में है, दीन दुखियो का सहारा आप के चरणों में है, श्याम ये
संवारे तेरी महफ़िल के चर्चे बड़े, आप का मुश्कुराना गजब धा गया, इक तो आंखे तुम्हारी हँसी कम न थी,
जय श्री श्याम जय श्री श्याम, आन पड़ी अब तो तेरे द्वार कन्हैया, अब तो संकट टार कन्हैया, अब तो
छाई रे खाटू नगर में बहार, श्याम मिलन की रुत आई, आया फागुण का रंगीला त्यौहार, श्याम मिलन की रुत
फागण आयो रे चलो श्याम धनि का मेला में, अरे बाबो तेर लगाई भगता के मन में आई, सब रल
ओ मेरे सांवरियां सांवरियां सांवरियां सांवरियां, तू छुप गया श्याम कहा मैं धुंडु याहा वहा, मेरे रूबरू अगर तू आ