
मोरछड़ी लेहराओ अब
दर्शन को तरसे नैना इक छवि दिखलाओ अब , संकट से सब जुज रहे है मोरछड़ी लेहराओ अब, तेरे खाटू

दर्शन को तरसे नैना इक छवि दिखलाओ अब , संकट से सब जुज रहे है मोरछड़ी लेहराओ अब, तेरे खाटू

हारे का तू सहारा मेरे सँवारे तूने किस्मत जगाई मजा आ गया, तेरी नज़रे कर्म मुझपे ऐसी हुई तूने किस्मत

तू मेरा तू मेरा ही रहेगा, मैं तेरा ही रहूगा,जन्मो जन्म का मुझसे वादा तू करले, तुमसा ना खूब सूरत

मेला श्याम का आया मेला श्याम का आया, हमे तो खाटू जाना बुलावा सेठ श्याम का आया खाटू नगरी मुझे

हुई सांवरे ये तुझे ना खबर क्यों दर तेरे रोता है कोई तेरे चरणों में रख यूँ सर क्यों दर

खाटू की गलियां फिर से गुलजार हो जाए देदो इजात बाबा तेरे द्वार आ जाए, खाटू की गलियां फिर से

मिठो छोड़ दे तेरे गांव का लाडू महंगा हो गया रे. मिठो छोड़ दे….. बाबा जी थाने.मीठे की पड़ गई

श्याम दरबार में आज जाए माला दीपो की आज सजाये, अपने बाबा को धयाये गे हर दम, बोले मन के

मैनें श्याम से अर्जी लगाई किसी से अब क्यों कहना, श्याम करता है सुनवाई किसी से अब क्यों कहना, ज़माना

तेरे दरबार में खाटू वाले मैं भी आय हु बन के सवाली, भर दो मेरी झोली श्याम बाबा लौट कर