श्याम देता रहा मैं लेता रहा
श्याम देता रहा मैं लेता रहा श्याम के आसरे मैं तो चलता रहा है सहारा मुझे इस के ही नाम
श्याम देता रहा मैं लेता रहा श्याम के आसरे मैं तो चलता रहा है सहारा मुझे इस के ही नाम
आया खाटू में पहली बार बार चरणों से तू लगा ले सँवारे, मैं मांगू दौलत न बंगला न कार चरणों
मेला बाबा का आया न्योता उसने भिजवाया कहीं बीत ना जाये ये पल हमें जाकर नाम लिखाना सारे रस्ते धूम
तर्ज- मरुधर में ज्योत जगाय गयो… खाटू नगर रे माहीने , बणीयो आपरो धाम भक्तो रा दुखड़ा दूर करे ,पल
नये साल में बाबा तुमसे वादा एक निभाये गे, और कही चाहे ना जाए हर ग्यारस खाटू आएंगे, जब जब
मन की मन में रह जायेगी जो दर्शन नही करुगा, मेरे संवारे दर्शन देदे दिल पे ध्यान धरु गा, हे
तेरे रहते सांवरिया क्यूं मन मेरा घबराय, चरणों में मुझे बिठाके देवो मोरछड़ी लहराय, सुना है मैंने हारे का तू
खाटू वाले श्याम महरे रग रग में समइयो रे, चीर कालजो देखले तू मंडे ने भाइयो रे, जब से खाटू
खाटू वाले श्याम तेरा शुक्राना है, इन चरणों में अब तो अपना ठिकाना है, हारे का साथी तू,ये हमने जाना
खाटू वाला श्याम महारा नीले वाला श्याम, माहरो बेड़ो पार लगा दीजियो खाटू वाला श्याम, बाबा टेर सुनो एह सबकी