तेरे ही भरोसे यारा
तेरे ही भरोसे यारा मेरा चल रहा गुजारा, एह श्याम मुरली वाले आज रे दिल पुकारा, तेरे ही भरोसे यारा
तेरे ही भरोसे यारा मेरा चल रहा गुजारा, एह श्याम मुरली वाले आज रे दिल पुकारा, तेरे ही भरोसे यारा
राधा रस नाम प्याला मैं घट घट करके पी गई, बरसाने वाली राधा मेरी हर ली सारी वाधा, मैं महिमा
इतनी खातरी करवावे ,एह को काई लागे आइया बैठो जईया ज्वाई लागे भगत कहवे जी ऐने बनड़ो, समझण लाग्यो, खुद
तेरी किरपा से संवारे सब कुछ है मैंने पा लिया ॥ जबसे मिला है दर तेरा जीना है मुझको आ
आओ श्याम जी कन्हैया नंदलाल जी, मेरे प्राणो से प्यारे गोविन्द जी । दूर देश की रहने वाली, कैसे तुमको
ओ मैया तेरा मुझको दीदार हो जाए उजड़ा चमन फिर से मेरा गुलजार हो जाए ओ मैया तेरा मुझको दीदार
मीठी मीठी मेरे सांवरे की मुरली बाजे, होकर श्याम की दीवानी राधा रानी नाचे छोटो सो कन्हैयो मेरो बांसुरी बजावे
ग्वाल वाल के संग तुम करते हो तंग रूठ जाऊ तो मुझको मनाते हो ओह श्याम मुरली भजाते हो राधा
ना नरसी सी भक्ति न सुदामा सा नाता, पर दुखड़े मिटाने श्याम हर बार तू आता है, ना नरसी सी
उस पर रंग फिर दूसरा ना चढ़ता, जिस पे तू रंग अपना चढ़ा दे, जिसको सर पे है तूने चढ़ाया,