कान्हा वे कान्हा सुन कान्हा
कान्हा वे कान्हा सुन कान्हा, आजा दोवे नचिये सुन कान्हा, बाजार वे कहन्दी खांड वे, राधा मिसरी ते तू कलाकनदी
कान्हा वे कान्हा सुन कान्हा, आजा दोवे नचिये सुन कान्हा, बाजार वे कहन्दी खांड वे, राधा मिसरी ते तू कलाकनदी
मिला दो श्याम से उधो, तेरा गुण हम भी गाएंगे।। मुकुट सिर मोर पंखन का, मकर कुण्डल है कानों में,
राधे राधे गोबिंद, गोबिंद राधे ll *राधे राधे गोबिंद, गोबिंद राधे ll* राधे राधे गोबिंद, गोबिंद राधे ll राधे राधे
सच्चे हिरदये से हो कर समप्रित अपने ठाकुर को जो पूजता है, ढूंढ़ता जो सदा सँवारे को, संवारा भी उसे
हो अगर रहमत जो तेरी साँवरे, जख्म दिल का हर कोई भर जाएगा, दूर सब कोई नही है पास में,
सांवरा ले ले परीक्षा जितनो जी करे म्हारो डगमग ना होवै पक्को विस्वास सांवरा ले ले परीक्षा जितनो जी करे
मुझे राधे राधे कहने दे ओ पापी मन रुक जा जरा, रुक जा जरा रे मन रुक जा जरा, मुझे
जगन्नाथाष्टकं पुन्यं यः पठेत् प्रयतः शुचिः , सर्वपाप विशुद्धात्मा विष्णुलोकं स गच्छति , कदाचित् कालिन्दी तट विपिन सङ्गीत तरलो, मुदाभीरी
सांवरिया तेरे लिए तेरे लिए मैंने जोगन वेस बनाया, जोगन वेस बनाया जोगन वेस बनाया , तोड़ लिया मैंने जग
हम तो दीवाने मुरलिया के, अजा अजा रे लाल यशोदा के तेरी बाट जोहे राधा गोरी, वो तो आई है