मोहन प्रेम बिना नही मिलता
मोहन प्रेम बिना नही मिलता चाहे कर लो लाख उपाए मोहन प्रेम बिना नही मिलता मिले न यमुना सरस्वती में
मोहन प्रेम बिना नही मिलता चाहे कर लो लाख उपाए मोहन प्रेम बिना नही मिलता मिले न यमुना सरस्वती में
बनवारी ओ कृष्ण मुरारी बता कुण मारी पूछे यशोदा मात रे, ओ लाला कहो थारे मनड़े री बात रे, भेजो
तू मेरा कान्हा मुरली वाला जग में तेरा नाम निराला, दुखियो का दुःख हरने वाला कहते कन्हियान तू रखवाला, तू
मुख नाल लाके मुरार वे जरा बंसरी सुना जा, बंसी सुना जा इक वार वे, बंसी तेरी ने दिल सडां
जग रूठे मेरा सांवरिया सरकार न रूठे, जीयु मैं जब तक श्याम तेरा दरबार न छुटे, एक तेरे भरोसे पर
मैं चिठिया लिख लिख हारी, कब आओगे बांके बिहारी नाथ कब आओगे, श्याम कब आओगे पहले जै श्री श्याम लिखा
सजने का है शौकीन कोई कसर न रह जाये, ऐसा करदो शृंगार सब देखते रह जाये, जब संवारा सजता है
कन्हैय्या को एक रोज रो कर पुकारा, कहा उनसे जैसा हूँ अब हूँ तुम्हारा वोह बोले की किया क्या दुनिए
बरसाने मच गया शोर आज प्रगट भई राधा रानी, मेरा मन का नाचे मोर आज प्रगट भई राधा रानी, उची
की दम दा भरोसा यार दम आवे ना आवे, आ राधा नाम उचार हये…….. कर वृन्दावन नाल प्यार दम आवे