हर ख़ुशी मिल गई है मुझे
अब मुझे मिल गया दर तेरा साँवरे, हर ख़ुशी मिल गई मिल है मुझे, बंदगी मिल गई है मुझे, हर
अब मुझे मिल गया दर तेरा साँवरे, हर ख़ुशी मिल गई मिल है मुझे, बंदगी मिल गई है मुझे, हर
सुन रे प्यारे भाई प्रभु के भरोसे हां को गाडी , ना जाने कब टूट पड़े माथे पे काल कुल्हाड़ी,
कोई तो मेरे घनश्याम से कहदे अरे वो मथुरा ना जाए, वो वापस लौट के आए रो रो कहती बृज
भज गोविन्द गोविन्द गोपाला भज मुरली मनोहर नन्द लाला प्यारे मुकुंद माधव गोविन्द बोल हरी बोल हरी बोल हरी बोल
आओ कृष्ण कन्हैया हमारे घर आओ माखन मिसरी दूध मलाई जो चाहो सो खाओ आओ कृष्ण कन्हैया हमारे घर आओ
चिंता हो ना भय हो, राधा रानी की जय हो, ऊँची अटारी वारी प्यारी की जय हो । रे मन
कटीले कटीले काले काले है कान्हा तेरे नैन नशीले मैं के प्याले है कान्हा तेरे नैन, ये रहते है पलको
ये तो कर्म है तेरा के हम जी रहे है, भगती का जाम रात दिन हम तो पी रहे है,
तेरा किसने किया श्रृंगार सांवरे, तू लगे दूल्हा सा दिलदार सांवरे । मस्तक पर मलियागिरी चन्दन, केसर तिलक लगाया ।
मेरे छोटे से भगवान उनके गुन्गरण गुन्गारण बाल, जाओ जाओ गे कहा मुख मोड़ के, मैंने बड़े प्यार से आसन