भिखारी के घर में दाता पधारे
भिखारी के घर में दाता पधारे, बड़े ही अनोखे है भाग्ये हमारे, भिखारी के घर में …. करुणा का सिंधु
भिखारी के घर में दाता पधारे, बड़े ही अनोखे है भाग्ये हमारे, भिखारी के घर में …. करुणा का सिंधु
दीवाना बन कर डोले राधा कुंज बिहारी से वावरियां होकर डोले राधा कुञ्ज बिहारी से राधा वृंदावन आइयो,बुलावे कान्हा तू
राज पाठ और ठाठ बाठ के बीच याद तड़पाती है, राज पाठ और ठाठ बाठ में गइयाँ याद आती है,
उधो मैया ते जा कहिओ, तेरो श्याम दुःख पावे। कोई ना ख्वावे मोहे माखन रोटी, जल अचरान करावे। माखन मिश्री
बड़ा छलिया रे सखी नंद गोपाल, बेदर्दी दिल चुरा के चला गया, सुध बुध लूट लिया नटखट सांवरियां ने, मोह
श्याम नाम की महिमा फिर से दिखा दो रोते लवो को फिर से हसा दो तेरे सिवा इक किस को
हे प्रभु मुझे बता दो चरणों में कैसे आऊ, माया के बंधनों से छुटकार कैसे पाऊ, हे प्रभु मुझे बता
भूल हुई काई ये काइयाँ रूसा हो, टेर सुनो सा सवाल सा म्हारी काई सुतिया हो, भूल हुई काई ये
जिया नहीं लागे कही तेरे बिन सँवारे सँवारे बाजे बाजे तेरी मुरलियाँ की धुन सँवारे सँवारे, सोहना है सोहना तू
हाथो की लकीरो में शामिल पी तेरा नाम, मैं दीवानी मीरा तेरी, तू मेरा घनश्याम, हाथो की लकीरो में शामिल,