कृष्णम वन्दे नन्द कुमारं
कृष्णम वन्दे नन्द कुमारं राधा वल्लभं, नवनीत चोरं मुरलीधर सुकुमार शरीरं गोपी वल्लभ नन्द किशोरं रामं वन्दे दशरथ तनयं सीता
कृष्णम वन्दे नन्द कुमारं राधा वल्लभं, नवनीत चोरं मुरलीधर सुकुमार शरीरं गोपी वल्लभ नन्द किशोरं रामं वन्दे दशरथ तनयं सीता
श्याम बंसी बजाते हो या मुझे बुलाते हो, दीवाना बनाते हो सारी रात जगाते हो, कभी पायल बजाती हो या
अपना चंदा सा मुखड़ा दिखाए जा, मोर मुकुट वारे, घुंघराली लट वाले। तुम बिन मोहन चैन पड़े ना, नयनो से
मैं बन के मोर रंगीला श्री यमुना तट पे जाऊ, तुम मुरली मधुर बजाओ मैं प्रेम से नाचू गाउ मैं
तेरी बांसुरी पे कान्हा नाचे सारा ज़माना, जिसे नाचना ना आये वो भी करे न बाहना, कही नाचे राधा रानी
कान्हा खो गया दिल मेरा तेरे वृंदावन मे तेरी मुरली की धुन जो बजती है, सारी गोपियों को प्यारी लगती
ऐ मेरे श्याम लौट के आजा, बिन तेरे जिन्दगी अधुरी है, आ के तो देख मेरी हालत को, बिन तेरे
श्यामा प्यारी दया कीजिये कीजिये राधा रानी दया कीजिये कीजिये, अपने चरणों में मुझको लगा लीजिये, राधा रानी दया कीजिये
कान्हा रे कान्हा तुझको बुलाए, राधा का प्यार तेरी राधा का प्यार, मुरली में तेरी सरगम सजाए, राधा का प्यार
लग गई लग गई श्याम नाल यारी लग गई, यारी मेरी जग से न्यारी, तीन लोक से लागे प्यारी, तन