जयति जय गोविन्द माधव जय जय राधे श्याम
जयति जय गोविन्द माधव, जय जय राधे श्याम । पतितपावन मुक्तिकारक सांचा तेरो नाम ॥ जो मनुज आवे शरण, पावे
जयति जय गोविन्द माधव, जय जय राधे श्याम । पतितपावन मुक्तिकारक सांचा तेरो नाम ॥ जो मनुज आवे शरण, पावे
होली खेले गोकुल में कन्हीया होली खेले रे कन्हीया, हिल मिल गाये गोपी गोपाला रंग लगा के हुआ मतवाला होली
सावरिया धोखेबाज बिरज में लूट गई रे सावरिया लूट गई रे सावरिया में तो लूट गई रे सावरिया सावरिया………… सावरिया
दुनिया से हारी मेरे श्याम बाबा अबतो बिठा ले अपनी छाओ में, दुनिया से हारी मेरे श्याम सबने रुलाया तो
( मेरा इक्क नज़र तुझे देखना, किसी बंदगी से कम नहीं करो मेरा शुक्रिया मेहरबान, तुझे दिल में हमने वसा
मुरली वाले तू मुरली बजा दे नहियो बज्दी ते सानू फडादे तेरी मुरली है छैल छबीली इसदी तान है बड़ी
तेरे चरना दी ठंडी ठंडी छावा मैं, बनी दासी तेरी रहना चाहवा मैं, लगा लीजिये स्वामी तू किशोरी बरसाने संग
मोहे प्रेम का रोग लगाये गयो री वो कान्हा कालो कालो वो कान्हा बंसी वालो वो कान्हा बंसी वाला मोहे
ऊधो मोहे मैया की आज याद सताती है भैया वृंदावन को ले जा मेरी पाती है जा दिन में मथुरा
जिस देश में जिस भेष में परिवेश में रहो राधा रमण राधा रमण राधा रमण कहो जिस रंग में जिस