
कीजै कृपा की कोर
हे प्रेमरस से युक्त किशोरी जी! हे किशोर अवस्था वाली राधिके! हे प्रेमरस में सराबोर वृषभानुदुलारी! मेरे ऊपर भी कृपा

हे प्रेमरस से युक्त किशोरी जी! हे किशोर अवस्था वाली राधिके! हे प्रेमरस में सराबोर वृषभानुदुलारी! मेरे ऊपर भी कृपा

मेरे गिनियो ना अपराध, लाड़ली श्री राधे, मेरे क्षमा करो अपराध लाडली श्री राधे, मेरे गिनियों ना अपराध, लाडली श्री

मेरी बरसाने वारी प्यारी प्यारी प्यारी,मेरी ब्रजरस वारी भानुदुलारी॥रस बरसाने वारी बरसाने वारी,प्यारी प्यारी भोरी भारी भानुदुलारी।वारी वारी रँगीली महल

गयान बिबेक बिरति बिग्याना। मुनि दुर्लभ गुन जे जग नाना॥आजु देउं सब संसय नाहीं। मागु जो तोहि भाव मन माहीं॥॥

मेरे गिनियो ना अपराध, लाड़ली श्री राधे, मेरे क्षमा करो अपराध लाडली श्री राधे, माना कि मैं पतित बहुत हूँ,

मेरे गिनियो ना अपराध, लाड़ली श्री राधे, मेरे क्षमा करो अपराध लाडली श्री राधे, माना कि मैं पतित बहुत हूँ,

जय जय श्रीराधेआप सभी रसिकजन श्री राधा जी के 24 नामों का स्मरण कर श्रीजी की हाजिरी लगाते रहें व

प्रीत का गीत [राधा -कृष्ण ]राधा कृष्णा को पल पल पुकारेयादो के पल वो लगते हैं प्यारेझुकी झुकी यह पलके.

चलि राधे तोहि स्याम बुलावै।वह सुनि देखि बेनु मधुरे सूर, तेरो नाम लै लै गावै।।देखो वृंदावन की सोभा, ठौर ठौर

आनंद छाय रहे बरसाने,नित नित होवे मंगलचार।।ब्रजभूमि सब जग तें न्यारी, जन्म लियो जहां राधा प्यारी।अष्टसिद्ध शतकोट बसें जहां,वेद न