
ओ मैया तूने क्या ठानी मन में
ओ मईया तैने का ठानी मन में, राम-सिया भेज दइ री वन में हाय री तैने का ठानी मन में,

ओ मईया तैने का ठानी मन में, राम-सिया भेज दइ री वन में हाय री तैने का ठानी मन में,

ओ पापी मन करले भजन, मौका मिला है तो करले जतन ।। जिसका मुझे था इंतजार, ओ पापी मन करले

सियाराम सियाराम तुम्हारे चरणों में , यदि प्यार किसी का हो जाये . दो चारों की तो बात ही क्या

बुलावो आग्यो राम को संतों सुरगा सूं आग्यो रे सन्देश एक मिनट प्रभु म्हाने ड्यो तो करा बेटा सँ बात

श्री राम भजन प्राणी इक एसी दवाई है, जिस ने भी पिया इसको उसने मुह की पाई है, श्री राम

सेना चली श्री राम की सेना चली श्री राम की धरती काँपे अम्बर काँपे जब नारा लगे श्री राम की

भर लायी गगरिया राम रस की, राम रस की रे हरि के रस की भर लायी गगरिया राम रस की,

भरत भाई, कपि से उरिन हम नाहीं कपि से उरिन हम नाहीं भरत भाई, कपि से उरिन हम नाहीं सौ

राम की माया जग में छाया प्रभु है मेरे राम, भजले राम राम राम, राम है जिगर में मेरे बसे

हाथ लिए धनुष वान चढ़ चले पुष्पक विवान संग सिया लखन राम आवे अयोध्या की और राम आवे अयोध्या की