पानी से दीप जला कर साई
पानी से दीप जला कर साई किया रे शिरडी उजाला, खोले ते किस्मत का ताला साई शिरडी वाला, हाथो में
पानी से दीप जला कर साई किया रे शिरडी उजाला, खोले ते किस्मत का ताला साई शिरडी वाला, हाथो में
साई बाबा मेरे दर पे आई तेरे आज ऐसा कोई मुझको वर दीजिये, सोने चाँदी नहीं हीरे मोती नहीं जिसमे
पल पल तेरे साथ मैं रहता हु, डरने की क्या बात मैं बैठा हु, पल पल तेरे साथ मैं रहता
साईं चरणों में अपने लगा लेना, मुझ पापी को अपना बना लेना, साईं चरणों में अपने लगा लेना, तेरा शिरडी
मुझको ज़माना रास नहीं है, मुझको किसी की आस नहीं है, शिरडी के महाराजा की, मैं बिटिया बाबा की, सच
मैं आन पड़ी तेरे द्वार साईं सुन लो मेरी पुकार मेरे दुःख सब दूर करो बाबा मेरी झोली भरो मेरा
साईं तेरे भरोसे ही परिवार हमारा है, पतवार तू माझी तू और तू ही किनारा है। साईं हमें तेरा सहारा
जब से पकडे चरण साई के मन भूधि को छोड़ दिया, खुद को करके उसके अर्पण अपनी खुदी को छोड़
साई का वचन है साई राम कहाये, जाई विधि राखे साई ताहि विधि रहिये, दुर्जन का संग छोड़ सत्संग करिये,
साई साई साई कर्म की नजर साई, शिरडी वाले साई बाबा आया हु मैं तेरे दर, साई साई साई कर्म